#गुरु
गुरु महिमा -अखंड और अनंतगुरु ज्ञान - विशाल और जिवंत
गुरु वाणी - प्रखर और स्वच्छंद
गुरु स्थान - प्रथम और स्वतंत्र
गुरु चरित्र - निर्मल और पवित्र
गुरु उपदेश - कठोर और लाभदायक
गुरु लक्ष्य - शिष्य और मार्गदर्शक
गुरु शिक्षा - स्पष्ट और कडक
गुरु कार्य - सत्य और व्यापक
गुरु कर्तव्य - शिक्षा और दिक्षा
गुरु धर्म - कर्तव्य और निष्ठा।
#गुरु_स्वरुप -
बच्चे से लेकर बूढ़े तक,निर्जिव से लेकर सजीव तक।
पेन से लेकर मोबाइल तक,
मित्र से लेकर शत्रु तक।
गरिब से लेकर अमीर तक,
सरपंच से लेकर प्रधानमंत्री तक।
भावनाओं से लेकर यादों तक
जन्म से लेकर मृत्यु तक
आकाश से लेकर पाताल तक।
महामारी से लेकर कोरोना तक।
रिश्तेदारों से लेकर पड़ोसी तक
मनुष्य जीवन के सभी क्षण-क्षण से लेकर हर उस कण-कण तक जो हमें कुछ-न-कुछ सिखाता है....वह गुरु है।
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