हिंदी साहित्य

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संस्कृति के चार अध्याय – दिनकर | संस्कृति के चार अध्याय का सारांश |

 

संस्कृति के चार अध्याय – दिनकर

प्रकाशन :  इसका प्रकाशन, मार्च १९५६ में हुआ है|

    जैसा की इस रचना का शीर्षक ही ‘संस्कृति के चार अध्याय’ है| तो साहजिक है कि इस किताब को चार अध्यायों में विभाजित किया गया है| यह वैचारिक लेखों की किताब है| जिसमें प्रत्येक अध्याय में छोटे-छोटे शीर्षकों दिए हुए है|

प्रथम अध्याय : भारतीय जनता की रचना और हिन्दू-संस्कृति का आविर्भाव

प्रकरण – १ : भारतीय जनता की रचना

§  भारतीय जनता की रचना

§  आदमी की नस्ल पहचानने वाले शास्त्र

§  जनविज्ञान की कसौटी और भारतीय जनता

§  भाषा की कसौटी और भारतीय जनता

§  नीग्रो-जाति-विषयक अनुमान

§  ऑप्टिक या आग्नेय जाति का आगमन

§  द्राविड जाति का आगमन

प्रकरण – २ : आर्य-द्राविड समस्याएं

§  द्रविड़ कौन हैं?

§  आर्य और द्राविड सज्ञाएँ

§  आर्यों क मूलस्थान

§  देवासुर-संग्राम का भूगोल

§  ऋग्वेद का रचना-काल

§  लेखन-कला और लिपि

§  किरात जाति

§  पारसी जाति

प्रकरण - ३ : आर्य और आर्येत्तर संस्कृतियों का मिलन

§  वैदिक संस्कृति के कुछ युग्म

§  आर्य-द्रविड़-सबध

§  आर्य और द्राविड भाषाएँ

§  आर्य और द्राविड स्वभाव

§  वर्णव्यवस्था और जातिभेद

§  जाति-प्रथा जनमी कैसे?

§  अंतरजातीय विवाह

§  ब्राम्हण, शुद्र और नारी का स्थान

§  समन्वय की प्रक्रिया

§  भौगोलिक एकता का भाव

§  समन्वय के कुछ दृष्टांत

§  शैव धर्म

§  कार्तिकेय और गणेश

§  शिव के आर्य और द्राविड नाम

§  वैष्णव धर्म

§  कृष्ण नाम की प्राचीनता

§  राधा नाम पर विचार

§  रामकथा की प्राचीनता

§  रामकथा की व्यापकता

§  रामावतार

§  राम को लेकर समन्वय

§  हिन्दू-संस्कृति का रचयिता

§  आग्नेय जाति की देन

§  कुछ स्फुट उदाहरण

§  हिन्दू नाम का इतिहास

§  भारत में आनेवाली अन्य जातियाँ

§  हिन्दू-संस्कृति की पाचनशक्ति

व्दितीय अध्याय : प्राचीन हिंदुत्व से विद्रोह

प्रकरण – १ : बुध्द से पहले का हिंदुत्व

ü वैदिक वाड्मय

ü वेदाग

ü उपनिषद

ü वेदों और उपनिसदो की विचारधारा

ü बहुदेववाद

ü उपनिसदो की विशेषताएं

ü मन्त्र, ब्राम्हण और उपनिषद-युग

ü उपनिषदो का प्रभाव

ü बौध्दिक कोलाहल के अन्य प्रमाण

प्रकरण – २ : जैन धर्म

ü विद्रोह के कारण

ü नास्तिकता की परंपरा

ü अहिंसा की परंपरा

ü पूर्वी भारत में क्रान्ति के बीज

ü अहिंसा और क्षत्रिय-जाति

ü जैन धर्म की विशेषताएँ

ü जैन दर्शन के सिध्दांत

ü कैवल्य या मोक्ष

ü अनेकांतवाद

ü स्यादवाद

ü धर्माचरण के सिध्दांत

ü जैन मत और बौध्द मत

ü जैन धर्म का इतिहास

ü वैदिक धर्म पर प्रभाव

प्रकरण – ३ : बौध्द धर्म

ü बौध्द धर्म और आचार

ü अव्याकृत विषय

ü वैदिक धर्म से समानता

ü क्या बुध्द नास्तिक थे?

ü आत्मा और निर्वाण

ü हिंदुत्व का बौध्दिकरण

ü बुध्द का व्यक्तित्व

ü कर्म की महत्ता

ü बौध्द धर्म की सीमाएँ

ü पौराणिक समन्वय

ü हिंदुत्व का खरल

प्रकरण – ४ : वैदिक बनाम बौध्द मत

ü महायान की उत्पत्ति

ü नागार्जुन का शून्यवाद

ü वैदिक मत पर बौध्द धर्म का प्रभाव

ü निवृत्ति का प्रचार

ü आचार पर प्रभाव

ü जाति-प्रथा को चुनौती

ü सास्कृतिक उपनिवेषों की स्थापना

ü श्रीमदभगवदगीता

ü मौर्योत्तर हिन्दू-जागरण

प्रकरण – ५ : प्राचीन भारत और बाह्य विश्व

ü बाहरी दुनिया से संपर्क

ü गणित, ज्योतिष और विज्ञान

ü बृहत्तर भारत से सबंध

ü वालीव्दीप 

ü यवव्दीप

ü सुमात्रा

ü बोर्नियो

ü हिन्दचीन

ü चीन के साथ संबंध

ü बुध्द और कनफ्युसियस

ü वर्मा और श्याम

ü जापान में बौध्द मत

प्रकरण – ६ : बौध्द साधना पर शाक्त प्रभाव

ü क्रान्ति की गंगा में शैवाल

ü शाक्त धर्म का परिचय

ü योगशास्त्र

ü तन्त्र-मार्ग

ü शाक्त दर्शन

ü उलटी धारा की साधना

ü तंत्र-साधना की परंपरा

ü गुह्य-समाज-तंत्र की विशेषताएँ

ü वज्रयान और मंत्रयान

ü सहजयान

ü कामयोग

ü वैष्णव-सहजिया संप्रदाय

ü मार का प्रतिशोध

ü वाद के सतो पर सहजयान का प्रभाव

प्रकरण – ७ : बौध्द आन्दोलन के सामाजिक प्रसंग

ü चिनगारी जो बुझी नहीं

ü वेद-विरोधी आन्दोलन

ü नय और आचार के बीच दरार

ü बौध्द मत पर पुराणों के आक्रमण

ü जैनों और बौध्दों पर शैवों का प्रहार

ü इस्लाम से पूर्व ही इस्लामवत संप्रदाय

ü बौध्द धर्म का लोप


नोट - संपूर्ण सारांश सुनने के लिए Varsha more pawde इस युटुब चैनल पर जाएये| 

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Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

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