हिंदी साहित्य

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guru par kvita | गुरु पर कविता| शिक्षक पर कविता|


                      गुरु



गुरु अपना आप देखो, गुरु के रूप है अनेक|
माता पिता हो, या हो कोई अपना शिक्षक|

हर उस रूप में गुरु है, जो बनता है मार्गदर्शक|
गुरु चाहे कोई भी हो, होना चाहिए पथदर्शक|

शिष्टाचार सिखा दे, जीने की कला बता दे|
गुरु अपने शिष्य को, जीवन का ज्ञान बता दे|

गुरु जैसा चेला होता है, कहते है सब लोग यहाँ|
गुरु अगर चाँद है, तो चेला करेगा प्रकाश सारे जहाँ|

गुरु से ही बनते है, सब बिगड़े काम शिष्य के|
गुरु बिन अधूरे है, सब काम काज मानव के|

गुरु का नाही जाति, रंग रूप देखा जाता है|
हम है भटके प्राणी, सिर्फ उनका ज्ञान देखा जाता है|

हमें और आपको आगे बढना है तो सब जन सुनो!
आप आपने जीवन में गुरु सोच समझकर ही चुनो|

गुरु के व्यक्तित्व का प्रभाव हमपर पड़ता है|
गुरु के ही कारण हमारा कृतित्व घडता है|

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Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

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